उठो द्रौपदी उठा लो तलवार।
अब ना आएंगे गिरिधर गोपाल।।
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उठो द्रौपदी उठा लो तलवार।
अब ना आएंगे गिरिधर गोपाल।।
1.अब ना होगी तुम्हारी करुण पुकार।
करना होगा अब पापियों का संघार।।
अब उठा लो तुम तलवार।
अब ना आयेंगे गिरिधर गोपाल।।
2.यहां न रक्षा की लगाओ तुम आस।
लड़ना पड़ेगा जब तक हो अंतिम सांस।।
अब उठा लो तुम तलवार।
यहां ना मिलेंगे तुम्हें गिरिधर गोपाल।।
3.यहां मिलेंगे केवल तुम्हें दुशासन जैसे लोगों के वार।
दूषित मानसिकता वाले लगा बैठे है चीर हरण की आस।।
उठो द्रौपदी उठा लो तलवार।
अब ना आयेंगे गिरधर गोपाल।।
4.तुम मत रहो निश्वर, दूर करो अपनी करुण भरी पुकार।
ये शक्ति स्वरूपा, कर दो इन दैत्यों का नाश।।
अब उठो द्रौपदी उठा लो तलवार।
अब ना आएंगे गिरिधर गोपाल।।
5.तुम मत बनो द्रौपदीलो, माता काली का अवतार।
खून की नदियां बहा कर, करो दुशाशनो का प्रतिकार।।
उठो द्रौपदी उठा लो तलवार।
अब न आएंगे गिरधर गोपाल।।
6.इस शक्ति को विश्व भर में फैलाओ, सभी अबला, निर्बलाओं में आस जगाओं।
संगठित होकर, बलात्कारियों को जिंदा जलाओ।।
उठो द्रौपदी उठा लो तलवार।
अब ना आएंगे गिरिधर गोपाल।।
7.लेकर काली का अवतार, वापस लाओ नारी सम्मान।
क्यों न हो फिर हमें, नारी होने पर अभिमान।।
उठो द्रौपदी उठा लो तलवार।
अब ना आएंगे गिरिधर गोपाल।।
श्रृष्टि सती कक्षा 11 अ
श्री गुरु राम राय इण्टर कॉलेज भाऊवाला, देहरादून।
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